उत्तराखण्ड सरकार का साहित्यकारों को बड़ा तोहफ़ा: ‘साहित्य भूषण’ और ‘लाइफ टाइम अचीवमेंट’ पुरस्कार के लिए ₹5 लाख की घोषणा।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने डेरा कवि सम्मेलन में की महत्वपूर्ण घोषणाएं, युवाओं को साहित्य से जोड़ने की योजनाओं पर डाला प्रकाश

देहरादून: मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने शनिवार को हिमालयन सांस्कृतिक केंद्र, गढ़ी कैंट, देहरादून में QUA संस्था द्वारा आयोजित डेरा कवि सम्मेलन में हिस्सा लिया और साहित्य प्रेमियों को कई महत्वपूर्ण घोषणाएं दीं। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड सरकार साहित्य और संस्कृति के संरक्षण एवं प्रोत्साहन के लिए पूर्णतः प्रतिबद्ध है।

‘उत्तराखण्ड साहित्य गौरव सम्मान’ की हुई शुरुआत

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने ‘उत्तराखण्ड साहित्य गौरव सम्मान’ की शुरुआत की है, जिसके माध्यम से उत्कृष्ट साहित्यकारों को राज्य स्तर पर सम्मानित किया जा रहा है। इसके अंतर्गत ‘साहित्य भूषण’ और ‘लाइफ टाइम अचीवमेंट’ पुरस्कार के रूप में ₹5 लाख की सम्मान राशि दिए जाने की घोषणा की गई है।

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ग्रंथ प्रकाशन के लिए वित्तीय सहायता योजना

मुख्यमंत्री धामी ने बताया कि विभिन्न भाषाओं में साहित्यिक ग्रंथों के प्रकाशन हेतु ‘वित्तीय सहायता योजना’ चलाई जा रही है, जिसके अंतर्गत साहित्यकारों को आर्थिक अनुदान प्रदान किया जा रहा है। यह योजना स्थानीय भाषाओं और साहित्य को संरक्षित करने की दिशा में एक बड़ी पहल मानी जा रही है।

युवाओं को साहित्य से जोड़ने की नई पहल

मुख्यमंत्री ने कहा कि युवाओं को साहित्य और सांस्कृतिक विरासत से जोड़ने के लिए राज्य में विभिन्न प्रतियोगिताओं और कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है। इसका उद्देश्य है कि नवयुवक अपनी जड़ों से जुड़ें और रचनात्मकता के क्षेत्र में सक्रिय भागीदारी निभाएं।

कवियों को बताया समाज का दर्पण

सम्मेलन में मौजूद प्रसिद्ध कवि डॉ. कुमार विश्वास सहित अन्य कवियों का स्वागत करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि कवि केवल शब्दों के निर्माता नहीं होते, बल्कि समाज के चिंतक, मार्गदर्शक और प्रेरक होते हैं। जब समाज उलझनों में होता है, तब कवि अपनी लेखनी से समाज को दिशा और प्रेरणा प्रदान करते हैं।

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स्वतंत्रता संग्राम में साहित्य की भूमिका को किया याद

मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि भारत के स्वतंत्रता आंदोलन को गति देने में भी कवियों और साहित्यकारों की भूमिका अतुलनीय रही है। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड की भूमि हमेशा से रचनात्मकता और विचारों की ज्योति से समृद्ध रही है। हरिऔध, सुमित्रानंदन पंत, गिर्दा और नागार्जुन जैसे महान कवियों की रचनाएं आज भी राज्य की वादियों में गूंजती हैं।

इस अवसर पर श्री भरत कुकरेती, श्री मयंक अग्रवाल, श्री आशुतोष, श्री कुशल कुशलेन्द्र, श्री सुदीप भोला, सुश्री कविता तिवारी, श्री रमेश मुस्कान, और QUA संस्था के प्रतिनिधि सहित बड़ी संख्या में दर्शक उपस्थित रहे।

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